PKVY Yojana 2025 : अगर आप एक किसान हैं और अपनी खेती में जैविक तरीकों को अपनाना चाहते हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। सरकार लगातार किसानों को पारंपरिक खेती से हटाकर जैविक खेती की ओर प्रोत्साहित कर रही है। इसी दिशा में, केंद्र सरकार परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY Yojana) और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए जैविक मूल्य श्रृंखला विकास मिशन (MOVCDNER) जैसी योजनाएं चला रही है, जिनका उद्देश्य किसानों को उत्पादन से लेकर विपणन तक पूरी सहायता देना है।
इस लेख में हम आपको PKVY Yojana और इससे जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी विस्तार से देंगे, ताकि आप भी इस योजना का लाभ उठाकर अपनी खेती को और लाभकारी बना सकें।
PKVY Yojana क्या है?
PKVY Yojana यानी परंपरागत कृषि विकास योजना भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका मुख्य उद्देश्य देश में जैविक खेती को बढ़ावा देना है। इसके तहत किसानों को रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों से दूरी बनाकर, प्राकृतिक और जैविक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
यह योजना न केवल उत्पादन में सुधार लाने में मदद करती है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता को भी बनाए रखती है। सबसे खास बात यह है कि PKVY Yojana में किसानों को जैविक खेती के लिए वित्तीय सहायता भी दी जाती है, जिससे वे बिना किसी अतिरिक्त आर्थिक बोझ के इस पद्धति को अपना सकें।
योजना के तहत किन राज्यों में कार्यान्वयन हो रहा है?
PKVY Yojana का कार्यान्वयन पूरे देश के सभी राज्यों में किया जा रहा है, जबकि MOVCDNER स्कीम केवल पूर्वोत्तर राज्यों में लागू है। इसका मतलब यह है कि यदि आप किसी भी राज्य के किसान हैं, तो PKVY Yojana का लाभ ले सकते हैं। वहीं, पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों को MOVCDNER योजना के तहत भी विशेष लाभ मिलता है।
PKVY Yojana का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है –
- किसानों को जैविक खेती की ओर प्रोत्साहित करना।
- रासायनिक खाद और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग को कम करना।
- मिट्टी की गुणवत्ता और स्वास्थ्य को बनाए रखना।
- जैविक उत्पादों की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग को पूरा करना।
- किसानों की आय बढ़ाना और उन्हें टिकाऊ खेती की ओर ले जाना।
योजना के तहत मिलने वाली वित्तीय सहायता
PKVY Yojana के तहत किसानों को तीन वर्षों में ₹31,500 प्रति हेक्टेयर की वित्तीय सहायता दी जाती है। यह राशि किसानों को सीधे प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से दी जाती है, ताकि पैसा सीधे उनके बैंक खाते में पहुंचे और वे इसका उपयोग अपनी खेती में कर सकें।
इसके अलावा, लघु और सीमांत किसानों को जैविक इनपुट जैसे कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट, जैविक कीटनाशक, गोबर खाद आदि के लिए ₹15,000 प्रति हेक्टेयर की सहायता भी दी जाती है।
MOVCDNER योजना के लाभ
हालांकि हमारा मुख्य फोकस PKVY Yojana पर है, लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों के लिए MOVCDNER योजना भी काफी लाभकारी है। इसके तहत किसानों को तीन वर्षों में ₹46,500 प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जाती है।
इसमें जैविक इनपुट के लिए ₹32,500 प्रति हेक्टेयर दिए जाते हैं, जिसमें ₹15,000 प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के रूप में शामिल है।
जैविक खेती के फायदे
PKVY Yojana का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करती है। जैविक खेती के कुछ मुख्य फायदे हैं:
- मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि – रासायनिक खाद की बजाय जैविक खाद मिट्टी की सेहत को लंबे समय तक बनाए रखती है।
- लागत में कमी – जैविक खेती में महंगे रासायनिक उर्वरकों की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे उत्पादन लागत घटती है।
- उत्पाद की गुणवत्ता – जैविक तरीके से उगाई गई फसलें अधिक पौष्टिक और स्वादिष्ट होती हैं।
- बाजार में अधिक कीमत – जैविक उत्पादों की मांग बढ़ रही है, जिससे किसान इन्हें अधिक कीमत पर बेच सकते हैं।
- पर्यावरण संरक्षण – जैविक खेती से पानी, मिट्टी और वायु प्रदूषण कम होता है।
आवेदन प्रक्रिया
यदि आप PKVY Yojana का लाभ लेना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
- राज्य कृषि विभाग की वेबसाइट या नजदीकी कृषि कार्यालय में संपर्क करें।
- आवेदन फॉर्म भरें और जरूरी दस्तावेज जैसे –
- आधार कार्ड
- भूमि स्वामित्व प्रमाण
- बैंक पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आवेदन सबमिट करने के बाद आपका चयन होने पर आपको योजना के तहत सहायता राशि दी जाएगी।
जरूरी दस्तावेज
- पहचान पत्र (आधार कार्ड/वोटर आईडी)
- भूमि का रिकॉर्ड (खसरा-खतौनी)
- बैंक खाता विवरण
- पासपोर्ट साइज फोटो
PKVY Yojana में उत्पादन से विपणन तक सहायता
PKVY Yojana की खासियत यह है कि यह केवल उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि किसानों को प्रसंस्करण (Processing), प्रमाणीकरण (Certification) और विपणन (Marketing) में भी मदद करती है।
इससे किसानों को अपने उत्पाद को बाजार में बेचने में आसानी होती है और उन्हें उचित मूल्य भी मिलता है।
योजना से जुड़े कुछ तथ्य
- PKVY Yojana पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित है।
- योजना में तीन साल का चक्र होता है, जिसमें किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रशिक्षित और आर्थिक सहायता दी जाती है।
- योजना के तहत किसानों को जैविक खेती के आधुनिक तरीकों की ट्रेनिंग भी दी जाती है।
PKVY Yojana का असर
पिछले कुछ वर्षों में PKVY Yojana के कारण भारत में जैविक खेती का क्षेत्रफल लगातार बढ़ा है। लाखों किसान इस योजना से जुड़कर अपनी आय में बढ़ोतरी कर चुके हैं। साथ ही, भारतीय जैविक उत्पादों की मांग देश और विदेश दोनों जगह तेजी से बढ़ी है।
निष्कर्ष
PKVY Yojana किसानों के लिए एक सुनहरा मौका है, खासकर उन लोगों के लिए जो रासायनिक खेती से हटकर जैविक खेती अपनाना चाहते हैं। इस योजना के जरिए न केवल किसान आर्थिक रूप से सशक्त बन सकते हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी बड़ा योगदान दे सकते हैं।
अगर आप भी अपनी खेती को जैविक बनाना चाहते हैं, तो आज ही PKVY Yojana में आवेदन करें और सरकार की सहायता राशि का लाभ उठाएं।
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